Pen of Tabish

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लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2021

अदब, सलीक़ा, तहज़ीब मिली है 
माँ से मुझको हर एक चीज मिली है

खुदगर्ज़ दुनियाँ में बे-लौस माँ का प्यार 
एक उम्र बीत कर यही सीख मिली है

खुश देख मुझको माँ मेरी होती है बहुत खुश
खुश रहने की मुझको ये इक तरक़ीब मिली है

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4 Comments

Swati chourasia

23-Dec-2021 11:11 AM

Wahh bohot khub 👌👌

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Niraj Pandey

23-Dec-2021 09:38 AM

वाह लाजवाब👌

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Shrishti pandey

23-Dec-2021 08:24 AM

Nice one

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